हिंदी कविताएँ | Hindi Kavitayen

“सावन”

बूंद गिरे जब सावन की,
मन में हलचल होती है ।।
छम-छम करती पैजनिया सी,
नैनन को सुख देती है ।।
भीग उठे जब सावन में हम,
मन भी पावन हो जाए ।।
सावन की इस बरखा में,
मन वृंदावन सा हो जाए ।।
बरसों-बरस से प्यासे से मन की,
प्यास बुझावन देती है ।।
छम छम करती पैजनिया सी,
नैनन को सुख देती है ।।

   Poet :-   “Karan “GirijaNandan”





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author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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