दे सही समय पर सही सीख | Learning Motivational Story In Hindi

         एक कसाई अपने घर में ही मुर्गे की दुकान चलाता, और मुर्गे का मांस बेचता। वह अपनी पत्नी को बहुत प्रेम करता, उसके तीन बेटे थे। दो बेटे तो थोड़े बड़े थे। जबकि तीसरा अभी सिर्फ डेढ़ माह का था। सबसे छोटे होने के कारण तीसरे बेटे को पति पत्नी दोनों बहुत प्यार करते।

        कसाई को मुर्गा काटते हुए उसके बच्चे भी देखा करते, बच्चे स्वयं भी मुर्गा काटने की पिता से जिद्द करते, पिता भी जानता था, कि आगे इन्हें भी यही व्यवसाय अपनाना है। इसलिए वह भी उन्हे सिखाने का प्रयास करता। मगर उसकी पत्नी उसे बहुत डाँटती और अभी ऐसा करने से मना करती। काम के बाद शाम को बचे मुर्गो और अपने सामानों को कसाई छत पर बने हॉल में रख देता।

         संयोग की बात है, एक दिन कसाई अपने एक मित्र के साथ शहर चला गया। सुबह का समय था कसाई की पत्नी तीसरी बेटे को नहलाने के लिए टप में पानी भरी और फिर अपनी नन्ही सी जान को नहलाने के लिए टप मे रखा, और बड़े ही प्यार से उसे नहालने लगी। नन्हा बेटा भी मां के साथ नहाता कम खेलता ज्यादा, उसकी मासूमियत देखने लायक थी।

          उधर दोनों बड़े बच्चे छत पर खेल रहे थे। खेलते-खेलते अचानक दोनों की नजर मुर्गा काटने वाले पिता के गड़ासे पर पड़ी। बीच वाले बेटे ने गड़ासे को हाथ में लेकर बड़े भाई से कहा-

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“ये देखो इसी से पापा मुर्गा काटते हैं”
बड़े भाई ने कहा “हां”
 बड़े भाई ने फिर कहा
“चलो तुम फर्श पर लेटो मैं तुम्हें दिखाता हूं पापा कैसे मुर्गा काटते हैं”
      बीच वाले ने कहा “हां चलो”

      अज्ञानी बेटा तुरंत राजी हो गया। वह झट से वही फर्श पर लेट गया। बड़े भाई ने बिना कुछ सोचे समझे फर्श पर लेटे छोटे भाई के गले पर गड़ासे से वार कर दिया। गड़ासे की चोट लगते ही छोटा भाई दर्द से चीख पड़ा। उसकी आवाज सुनते ही नीचे टप में अपने सबसे छोटे बेटे को नहलाती मां उसे छोड़ बड़े बेटे को “रवि रूक तुझे मैं अभी बताती हूं”  कहते हुए सीढ़ियों से ऊपर छत पर भागी। मां की क्रोध भरी आवाज और इधर छोटे भाई को खून से लथपथ एवं दर्द से कराहता देख वह बिना कुछ सोचे समझे डर के मारे छत से सीधे नीचे कूद पड़ा। मां भाग कर ऊपर आई तो देखा बीच वाला बेटा खून से लथपथ है। बड़े बेटे को ऊपर न देख खून से रंगे बेटे को गोद में लेकर वह सीधे नीचे भागी, नीचे आते ही उसने बड़े बेटे को छत से नीचे फर्श पर गिर कर मरा हुआ पाया।

       उसकी तो जमीन ही खिसक गई। मगर पड़ोसियों ने हिम्मत बढ़ाते हुए बीच वाले बेटे को अस्पताल पहुंचाने को दौड़े। जहां रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया उसकी लाश को लेकर जब वो घर पहुंची तो एक मात्र उम्मीद तीसरा सबसे नन्हा डेढ महीने का बेटा टप में भरे पानी में डूबने और दम घुटने के कारण मर चुका था।


Moral of the story 

Moral of the story
             
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      Karan Mishra

      करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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