असफलता का डर | हाथी की रस्सी कहानी | The Elephant Rope Story In Hindi

     क्रिकेट टीम के सभी सदस्यों के मन मे एक भय था वो  सामने वाली टीम से लगातार कई मुकाबलो मे हार रही थी,  हालांकि इस प्रतियोगिता मे रेड ब्लू गर्ल्स क्रिकेट टीम बहुत मज़बूत थी । अभी तक अपने सभी लीग  मुकाबले जीत चुकी थी लेकिन वो रायल गर्ल्स क्रिकेट टीम से सेमीफाइनल मे मुकाबला नही चाहती थी लेकिन सेमीफाइनल मे इनका मुकाबला रायल गर्ल्स क्रिकेट टीम से ही पड़ गया, टीम  ने पूरी तैयारी की थी फिर भी मैदान मे आने पर उनका डर उन पर हावी हो रहा था, वह अपनी पिछली हार को भुला नही पा रही थी , दिक्कत ये  थी की टीम के सभी खिलाड़ियों की यही मनोदशा थी ।

कोच – क्या बात है गर्ल्स आप इतनी परेशान क्यों हो ,
ममता –(टीम कि कप्तान) सर रायल गर्ल्स क्रिकेट टीम से  पिछले मुकाबले हम !
( वो कहते कहते रुक गई )
कोच – तो क्या हुआ हर मुकाबला  नया होता है उससे पिछले मुकाबले से क्या लेना, फिर आप इस मुकाबले मे मजबूत स्थिति मे हो ।

ममता – लेकिन सर…
कोच –  आप ने कभी हाथी को देखा है बंधे हुए ,उसके अगले पैर में एक छोटी सी रस्सी बंधी  होती है इतना बड़ा जानवर एक रस्सी से बंधा रहता है , कभी सोचा है क्यों  इस बंधन को उसने  स्वीकार कर लिया। इस के पीछे उसका यकीन होता है , हाथी जब भी  चाहे रस्सी को तोड़ दे लेकिन वो ऐसा नही कर पाता , पता है क्यों , क्योंकि हाथियों को छोटे पर ही रस्सियों से बाँधा जाता है।  उस समय ये रस्सियो को तोड़ने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन उस समय उनके पास इतनी ताकत नही होती की ये इस बंधन को  तोड़ सके  , धीरे धीरे हाथियों  को ये यकीन हो जाता है की ये इन रस्सियों से कभी भी मुक्त नही हो सकते । कभी रस्सियों को तोड़ नही सकते , इसी यकीन के साथ ये बड़े होते जाते है , बड़े होने पर ये कभी प्रयास ही नही करते है और ये पूरी जिंदगी छोटी सी रस्सी से बंधे रह जाते है , जबकि ये जब चाहे इसे तोड़ सकते है ।

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 टीम की सभी लड़कियाँ इस बात से बहुत हैरान थी कि इतनी बड़ी हाथी एक छोटी सी रस्सी से कैसे बंधी रह सकती है पूरी उम्र , बस इस यकीन के साथ वो जीती है कि वो रस्सी को कभी तोड़ ही नही सकती ।
कोच –

  इन्सान भी अपनी असफलताओ पर यकीन  कर लेता है  वो अपना विश्वास को खो देता है कि वह उस काम मे सफल हो सकता है  , ये यकीन की रस्सी उसके विश्वास को बांध देती है और वह इस बंधन को  धीरे धीरे स्वीकार कर लेता है इस बंधन मे बंधे बंधे पूरी जिंदगी गुजार देता है ।

लड़कियों को कोच की ये बाते समझ मे आ गई थी  कि वह अपने पहले की  हार के वजह से रायल गर्ल्स क्रिकेट टीम से डरी हुई है और इस बात पर यकीन कर लिया है वह रायल गर्ल्स क्रिकेट टीम से जीत नही सकती ।

    खेल स्टार्ट हुआ  रेड ब्लू  टीम  कि लडकियों ने अच्छा खेला जो की वो पहले से ही टूर्नामेंट मे खेल रही थी और इस मुकाबल को जीत लिया, टीम की लकड़ीयो ने, इस जीत का सारा श्रेय कोच  को दिया ।

ममता – सर आज हम सब, इस रस्सी से आजाद हो गये ये जिसने हमे ये यकीन दिला दिया  था  कि  रायल गर्ल्स क्रिकेट टीम से जीतना हमारे बस कि बात नही  ,ये आप के वजह से  सम्भव हो पाया है सच मे सर
सभी लड़िकयो ने कोच को थैंक्स बोला और अपना विश्वास पुन: प्राप्त किया

 Moral of  the story

 सफलता और असफलता दोनों  जीवन मे  मिलता है लेकिन असफलता मिलने पर हमे निराश होकर उसके बंधन मे बंधने कि जरुरत नही , बल्कि सफलता के लिये प्रयास करना ही हमारा एक मात्र लक्ष्य होना चाहिए  
  Prabhakar
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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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