बेटी | बेटी पर कविता | Poem on Daughter in Hindi

सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा देवी
कहने को अवतार है बेटी,
जीवन का हर बाग – बगीचा
करती तो गुलजार है बेटी,
घर – गली, सड़क – मोहल्ले
और सजाती घर द्वार है बेटी,
जीवन की डूबती नैया को
बचानेवाली खेवनहार है बेटी,
पापियों के नाश हेतु
चंडी का अवतार है बेटी,
ये सब तो कहने को ही हैं
क्योंकि आज भी भार है बेटी !
Sarasvatee, Lakshmee, Durga Devee,
Kahane ko Avataar Hai Betee, 
Jeevan ka Har Baag – Bageecha 
Karatee To Gulajaar Hai Betee, 
Ghar – Galee, Sadak – Mohalle 
Aur Sajaatee Ghar Dvaar Hai Betee, 
Jeevan Kee Doobatee Naiya Ko
Bachaanevaalee Khevanahaar Hai Betee,
Paapiyon Ke Naash Hetu
Chandee Ka Avataar Hai Betee, 
Ye Sab To Kahane Ko Hee Hain 
Kyonki Aaj Bhee Bhaar Hai Betee !

बेटी | बेटी पर कविता | Poem on Daughter in Hindi

Poet
प्रेरणा कुमारी

यह कविता प्रेरणा कुमारी द्वारा लिखी गई है | प्रेरणा कुमारी बेगूसराय, बिहार की रहने वाली है | समाज की  बुराइयों पर कुठाराघात करना आपकी कविताओं की प्रमुख विशेषता है | 
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author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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