एक जंगल मे एक शेर रहता था वह बूढ़ा हो चला था वह अपने दिन किसी तरह से काट रहा था। वह अपने उन दिनो को याद करता था कि किस तरह से वह अपनी शेरनी के साथ जंगल मे घूमा करता था। आज वह नदी के किनारे उस जगह पर बैठा था जहाँ वह अपनी शेरनी के साथ अक्सर आ कर पानी पीता था । उसे प्यास तो बहुत लगी थी लेकिन आज वह बहुत दुःखी था उसे पानी पीने का मन नहीं कर रहा था लेकिन प्यास को वह बहुत देर रोक नही पाया वह पानी के लिये नदी के पास जाकर पानी पीने लगा प्यास बुझा कर वह वहीं नदी के किनारे एक पेड़ के पास बैठ गया ।
कुछ देर मे उसे किसी शेर की दहाड़ सुनायी दी , वह नींद मे था इसलिये उसे लगा की ये उसका भ्रम है चूंकि दुबारा आवाज नही आई तो वो वहीं पेड़ के नीचे सो गया ।
इधर जंगल मे दहशत का माहौल था एक यंग शेर जंगल मे आ चुका था । वह जानवरों का शिकार कर रहा था जानवर अपनी जान बचा कर इधर उधर छुप रहे थे , जंगल मे चूंकि बूढ़ा शेर रहता था । वह अब किसी जानवर का शिकार नही करता था उसे जो मिल जाता उसे खा कर दिन काटता था ।
यंग शेर जानवर का शिकार करके एक पेड़ के पास आराम कर रहा था उसे अपनी माँ कि बात याद आ रही थी ।
यंग शेर कि
माँ – बेटा इतनी सी बात के लिये न जा , वे तुम्हारे पिता है, उनकी बात का बुरा मत मानो हमने तुझे बचपन से अपने आँखो के सामने रखा है तुझे अपने से कभी दूर नही जाने दिया ।
यंग शेर के पिता –यूँ ही परेशान हो रही हो, अभी घूम फिर कर आ जायेगा इसने अभी दुनिया देखी ही कहाँ है , शिकार करना इतना आसान नही होता है और हर जंगल मे शेर है कहाँ रहेगा ये ,कोई इसे नही रहने देगा ।
अपने जगह, जब कोई इसे रुकने देगा तब न ये रुकेगा कही पर
अपने जगह, जब कोई इसे रुकने देगा तब न ये रुकेगा कही पर
यंग शेर - मै अब बड़ा हो गया हुँ मुझे शिकार करना बहुत अच्छी तरह आता है , आप न बताइये की शिकार करना आसान है या नही, आप के लिये ये काम मुश्किल होगा क्योकि आप अब बूढ़े हो रहे है , माँ आप चिंता न करो मै अपने लिये जगह ढूढ लूँगा ।
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यंग शेर की माँ – बेटा तुहारे पिता जी ठीक कहते है हर जंगल मे शेर होंगे वह तुम को रहने नही देंगे
यंग शेर – माँ मै अपने लिये जगह ढूंढ लूँगा मुझे जो जगह पसंद आएगी मै वहीं रहूँगा अगर वहाँ कोई शेर होगा तो उसे जगह खाली करनी होगी या मरना होगा ।
यंग शेर के पिता – बेटा इतना घमण्ड ठीक नही है ।
माता पिता की बात को न मानते हुए अपने बल के घमण्ड मे अन्धा हो कर वह वहाँ से चल दिया । उसने रास्ते मे कई जगह देखी लेकिन उसे पसंद नही आई इस जंगल मे जानवरों की संख्या भी ठीक थी और इसके बगल मे नदी बहती थी उसे यह जगह अच्छी लग गई और वह यही रुकने का फैसला किया उसे अब तलाश थी की इस जंगल मे कोई शेर है या नही पहले उसे भगाऊँगा फिर इस जंगल पर अकेले राज करुगाँ वह उठा और नदी की तरफ गया । उसने पानी पिया, पानी पीने की आवाज से बूढ़े शेर की नींद खुली शेर के उठते ही यंग शेर की नजर बूढ़े शेर पर पड़ गई ।
यंग शेर – तो आप रहते है इस जंगल मे , तभी इस जंगल के जानवर इतने निडर हो गए है ।
बूढ़ा शेर – तुम कहाँ से आये हो और इस जंगल मे क्या कर रहे हो
यंग शेर – आया तो मै बहुत दूर से हुँ लेकिन अब मै इस जंगल का राजा हुँ ।
बूढ़ा शेर - जहाँ से आये हो वही वापस लौट जाओ ।
यंग शेर – मैंने चलते समय अपनी माँ से कहा था मुझे जो जगह पसंद आ जाएगी मै उस जगह पर रुक जाऊँगा, मुझे ये जगह बहुत ही पसंद आ गई है मै यही रुकूँगा तुम अपने लिये कोई अब नई जगह ढूँढ लो ।
बूढ़ा शेर – मै कहीं नहीं जाने वाला बच्चे, तुम जहाँ से आये हो वहीं लौट जाओ एक बार फिर से कह रहा हुँ
यंग शेर – बच्चा किसको बोला , रहूँगा तो मै ही इस जंगल पे ,मैंने सोचा था एक दिन का समय दे दूँगा तुम को लेकिन मैंने अब अपना इरादा बदल दिया है, अभी के अभी ये जंगल खाली करो नही तो ।
बूढ़ा शेर – नही तो क्या ?
यंग शेर – अपनी मौत के लिये तैयार हो जाओ ।
बूढ़ा शेर – बहुत घमण्ड है तुमको अपने बल पर बच्चे तो आ जाओ आजमा लो ।
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जंगल के जानवर ये सब देख रहे थे उन्होंने सोचा आज तो बूढ़ा शेर गया काम से , यंग शेर इससे बहुत अधिक ताकतवर लग रहा था , यंग शेर अगर जंगल मे रह गया तो हम सब का जीना मुश्किल कर देगा ।
दोनों मे युद्ध शुरू हो गया उनके दहाड़ से पूरे जंगल मे हल चल मच गई यंग शेर बूढ़े शेर पर भारी पड़ रहा था । यंग शेर को बहुत जल्दी थी बूढ़े शेर को मारने की, बूढ़ा शेर बहुत ही चालाकी से अपने पैतरो के साथ लड़ रहा था , उसने जीवन मे बहुतों का शिकार किया था । आज वो बूढा हो चुका था लेकिन उसमे उतना ही जोश था जितना पहले था ।
समय के साथ उसका अनुभव बहुत बढ़ गया था जिसको यंग शेर समझ नही पाया था , इस जंग मे बूढ़ा शेर जख्मी हो गया था लेकिन उसे हराना इतना आसन नही था यहाँ लड़ो या मरो वाली बात थी ।
इस बात का एहसास अब यंग शेर को होने लगा था, बूढ़ा शेर बस एक मौके की तलाश मे था जो उसे मिल गया उसने यंग शेर के गले को अपने जबड़ो मे कस कर दबोच लिया और तब तक नही छोड़ा जब तक उस यंग शेर के प्राण पखेरू उड़ नही गये, उसको मृत्यु की गोद मे सुलाने के बाद बूढ़े शेर ने राहत की साँस ली ,” "अनुभव की हुई जीत"
इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है :-
समय के साथ उसका अनुभव बहुत बढ़ गया था जिसको यंग शेर समझ नही पाया था , इस जंग मे बूढ़ा शेर जख्मी हो गया था लेकिन उसे हराना इतना आसन नही था यहाँ लड़ो या मरो वाली बात थी ।
इस बात का एहसास अब यंग शेर को होने लगा था, बूढ़ा शेर बस एक मौके की तलाश मे था जो उसे मिल गया उसने यंग शेर के गले को अपने जबड़ो मे कस कर दबोच लिया और तब तक नही छोड़ा जब तक उस यंग शेर के प्राण पखेरू उड़ नही गये, उसको मृत्यु की गोद मे सुलाने के बाद बूढ़े शेर ने राहत की साँस ली ,” "अनुभव की हुई जीत"
इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है :-
अनुभव के आगे बल भी हार जाता है दोस्तो, हमे अनुभवी लोगों से, मदद और सीख हमेशा लेती रहनी चाहिए, अपने पर कभी भी घमण्ड नही करना चाहिए, घमण्ड करने वालो का अंजाम हमेशा बुरी होता है ।
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Prabhakar
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