गलतियों से सीखना बुद्धिमानी है Learn From Mistakes Top Story In Hindi

गलतियों से सीखना बुद्धिमानी है पर हिन्दी स्टोरी, गलतियों से सीखें- प्रेरणादायक कहानी, सीख पर कहानी It is wise to learn from mistakes motivational story in hindi

गलतियों से सीखें It Is Wise To Learn From Mistakes Best Story In Hindi

  प्रसिद्धनगर के निसंतान राजा ने काफी जप तप कराएं परन्तु बावजूद इसके उन्हें कोई संतान प्राप्त नहीं हुई । तभी उन की मुलाकात एक महात्मा से हुई राजा ने उन्हें अपने सारे कष्ट बताए तब महात्मा ने राजा को थोड़ा सा भस्म देते हुए उसे अगले अमावस्या की मध्य रात्रि मे रानी द्वारा सर, माथे और पूरे शरीर पर लगाने एवं शेष भस्म को ग्रहण करने को कहा । रानी ने महात्मा के बताए सभी नियमों का पालन किया जिसके फलस्वरूप रानी ने एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया ।

  इतने कष्टों के बाद हुए बेटे को राजा और रानी बहुत मानते । उसकी हर ख्वाहिश फौरन पूरी की जाती थी । अत्यधिक लाड प्यार के कारण युवराज थोड़ा बिगड़ गया । अब वह काफी जिद्दी और मनबढ स्वभाव का हो गया ।

इन प्रेरणादायक हिन्दी कहानियों को भी जरुर पढ़ें | Most Popular Motivational Hindi Stories
  एक बार जब वह शिकार खेलने वन मे गया था तभी शिकार के दौरान एक चिते की फिराक मे वह काफी दूर निकल गया और रास्ता भटक गया । थोड़ी ही देर में अंधेरा होने लगा । सैनिक युवराज को न पाकर महल वापस लौट आए । इस घटना से राजा व रानी काफी परेशान हो गए । 
 इधर युवराज भटकते भटकते पड़ोसी मुल्क में पहुंच गए।। वहां युवराज ने राजकुमारी को देखा उसे देखते ही वह उसपर मंत्रमुग्ध हो गया । अगले दिन वह अपने महल तो लौट आया पर यहां भी बस राजकुमारी के ख्यालों में डूबा रहा । राजकुमारी के प्रेम मे पागल युवराज छुप-छुप कर राजकुमारी से मिलने लगे । धीरे-धीरे राजकुमारी को भी युवराज से प्रेम हो गया ।
———-
 एक दिन जब राजकुमार राजकुमारी के साथ वन में विचरण कर रहा था तभी अकस्मात राजकुमारी के पिता ने उन्हें साथ देख लिया । यह देखकर पहले तो वे बहुत क्रोधित हुए परन्तु अचानक न जाने क्या सोचकर उनका क्रोधित मुख खिल उठा । उन्होंने फौरन राजकुमार और राजकुमारी को अपने पास बुलाया और राजकुमार से अपनी बेटी के विवाह का उसे आश्वासन दिया । 
  धीरे-धीरे राजकुमारी के पिता कि नज़दीकियां राजकुमार के पिता से हो गई । दोनों अब समधी बनने वाले थे इसलिए दोनों राज्यों की सीमाओं के बीच अब कोई अवरोध नहीं था । मौका पाते ही एक दिन अचानक राजकुमारी के पिता ने धोखे से राजकुमार का राज्य हथिया लिया तथा उसके पिता  को मौत के घाट उतार दिया । यह सब जानकर राजकुमार अत्यधिक क्रोधित हुआ और उसने राजकुमारी के पिता से बदला लेना चाहा परंतु तभी राजकुमारी स्वयं राजकुमार के समक्ष प्रस्तुत हो गई और उसे चुपचाप वहां से ले कर गई कहीं गुम हो गई हालांकि राजकुमारी के पिता ने उन दोनों को ढूंढने की बहुत कोशिश की परंतु वे नहीं मिले ।
  कालांतर में राजकुमार ने राजकुमारी की मदद से बहुत बड़ी सेना तैयार की । राजकुमारी ने राजकुमार को अपने पिता के राज्य की हर छोटी बड़ी कमजोरियों से अवगत कराया । जिसकी मदद से राजकुमार बड़े ही आसानी से उसके पिता के राज्य पर कब्जा करने में सफल रहा और फिर उसने राजकुमारी के पिता को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया । छल और कपट से विजय प्राप्त करने वाले राजकुमारी के पिता खुद को कारागार में पाकर अत्यंत क्रोधित हुए । वह कभी कारागार के दीवारों पर अपना माथा पटकते तो कभी कारागार के दरवाजे को तोड़ने की असफल कोशिश करते । इसके साथ-साथ वे हर पल अपनी बेटी को कोसते नजर आते जो उनके इस हाल मे पहुचाने की जिम्मेदारी थी परंतु सच तो ये था कि राजा ने अपनी जिन चालों के द्वारा युवराज के राज्य को कभी हासिल किया था आज उन्हीं  चालों से उसे किसी ने मात दी थी ।

कहानी से शिक्षा | Moral Of This Best Inspirational Story In Hindi 

गलतियां हर किसी से हो जाती हैं परंतु अपना आपा खोए बगैर उन गलतियों से सीख लेते हुए जिन्दगी मे आगे बढने को ही समझदारी कहते हैं !
हर रिश्ता विश्वास की डोर पर टिका होता है । विश्वास जितना गहरा होगा रिश्ता उतना ही मजबूत होगा । विश्वास को बनाने में जहां उम्र लग जाती है । वही उसको तोड़ना या उसका लाभ उठाना बहुत आसान है । विश्वास को तोड़ने का काम हर कोई कर सकता है क्योंकि यह बहुत ही आसान है मगर जब विश्वास बनाना पड़ता है तो यह वाकई अपने आप में बहुत ही कठिन है । 
 जब बात छल-कपट की होती है तो इनके साथ एक और शब्द अपने आप जुड़ जाता है और वह है विश्वास जोकि हमेशा अंधा होता है । इसका कोई पैमाना नहीं होता । जब तक हम किसी पर अंधा विश्वास करते हैं तब तक हम उसके कुत्सित मानसिकता को नई भाप पाते हैं । हम ये समझ ही नहीं पाते कि अगला हमारे साथ अगर है तो क्यों है ? क्या इसका इसमें कोई स्वार्थ नहीं है ? या वह वाकई हमारा एक सच्चा दोस्त है । वैसे हर किसी को संदेह की दृष्टि से देखना बिल्कुल भी उचित नहीं क्योंकि रिश्ते को बनाए रखने के लिए रिश्ते में विश्वास बनाए रखना भी बहुत जरूरी है ।
———-
  इस कहानी में राजकुमारी के पिता ने इसी विश्वास शब्द को कलंकित किया है । जहां एक तरफ राजकुमार को झूठे विवाह का आश्वासन दिया । वहीं दूसरी तरफ उसने राजकुमार के पिता से नजदीकियां कायम की उसने ना सिर्फ राजकुमार एवं उसके पिता से छल किया बल्कि उसने स्वयं अपनी बेटी को भी नहीं छोड़ा उसने उसके भी विश्वास को तोड़ा  । 
 हम अपने बच्चों के सामने जैसा आदर्श प्रस्तुत करेंगे । हमारे बच्चे के अंदर भी वैसे ही संस्कारों का समावेश होगा । यदि हम अपने बच्चों के सामने सत्य एवं ईमानदारी के रास्ते पर चलने का आदर्श प्रस्तुत करेंगे तो निश्चित रूप से हमारे बच्चों में अच्छे गुणों का समावेश होगा परंतु यदि हम उनके समक्ष छल कपट भरा रूप प्रस्तुत करेंगे तो निश्चित रुप से वे भी उन्ही मार्गों पर चलकर हमारे जैसा ही बनने की कोशिश करेंगे । इसलिए  अच्छा होगा कि हम अपने बच्चों को हमेशा सत्य का मार्ग दिखाएं । ईमानदारी का पाठ पढ़ाएं ताकि हमारे बच्चों में उच्च गुणों का ही समावेश हो ।

   Writer
 Team MyNiceLine.com
यदि आप के पास कोई कहानी, शायरी , कविता  विचार या कोई जानकारी ऐसी है जो आप यहाँ प्रकाशित करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपने नाम और अपनी फोटो के साथ हमें इस पते पर ईमेल करें:

  Contact@MyNiceLine.com
  हम  आपकी पोस्ट को, आपके नाम और आपकी फोटो (यदि आप चाहे तो) के साथ यहाँ पब्लिश करेंगे ।
  गलतियों से सीखना बुद्धिमानी है Learn From Mistakes Top Story In Hindi आपको कैसी लगी, कृपया नीचे कमेंट के माध्यम से हमें बताएं । यदि कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे Share जरूर करें !
author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

इन्हें भी पढें...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!