प्राप्त हुआ जिस पर बुद्ध को ज्ञान, जहां पर जन्मे थे दिनकर महान्, जिस मिट्टी से बने कुंवर सिंह जैसे संतान, वही है हमारा बिहार महान् । जहां दिए कर्ण ने समानता का नारा, जहां के जयप्रकाश बनें देश का सहा…
सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा देवी कहने को अवतार है बेटी, जीवन का हर बाग - बगीचा करती तो गुलजार है बेटी, घर - गली, सड़क - मोहल्ले और सजाती घर द्वार है बेटी, जीवन की डूबती नैया को बचानेवाली…
जिंदगी का पत्ता पैर से रौंदे हुए घास फिर से उग आतें हैं, मगर हाथों से तोड़े पत्ते हमेशा बिखर जाते हैं, बिखरे पत्ते उठाने का काम शायद हीं कोई करता है मगर करीब आने वाले हमेशा पत्ते तोड़ जाते हैं, हवा…
Poet प्रेरणा गहलोत यह कविता प्रेरणा कुमारी द्वारा लिखी गई है | प्रेरणा कुमारी बेगूसराय, बिहार की रहने वाली है | समाज की बुराइयों पर कुठाराघात करना आपकी कविताओं की प्रमुख विशेषता है | MyNiceLine पर …
हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करें