कोमौलिका अपने माता-पिता की बड़ी लाडली बेटी थी । कमौलिका के माता पिता एक सेठ के वहां पैकिंग का काम किया करते थे । वे सेठ की दुकान से अनाज की बोरियां लाते और फिर उसे छोटे-छोटे प्लास्टिक के थैलों मे…
गांव के एक छोटे से चौराहे पर शंभू अपनी फलो की दुकान लगाया करता था । इन फलो को बड़ी मंडी से खरीदने के लिए वह रोज तड़के चार बजे ही उठकर पहले बैलों को तैयार करता और फिर उनको लिए बड़ी मंडी चला जात…
"मां-मां, कहां हो मां" लाइट चले जाने से, किचन में लैंप जला रही, आठ माह की गर्भवती आकांक्षा, बेटे की चीख-पुकार को सुनकर, भागे भागे उसके पास पहुंचती है । "क्या हुआ, जरा सा …
“सरकार को भी और कोई काम नहीं, जब देखो नये-नये चोंचले हैं इनके । अरे सिर मेरा, गाड़ी मेरी, जीन्दगी मेरी ----। क्या मुझे नहीं पता कि मेरी जिंदगी कितनी कीमती है? क्या सड़क पर मैं कैसे चलूँ य…
गरमी की छुट्टियों में विन्नी नानी के घर आयी थी । वहाँ सबसे मिल कर और थोङी देर आराम करके शाम में नानी को बताकर अपनी बचपन की दोस्त माही, जिसकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी ,से मिलने गयी .... माही…
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