चंदनपुर रियासत के राजा सोमदत्त को संगीत से बड़ा लगाव था। वह खुद संगीत की विद्या में पारंगत तो नहीं थे । मगर वह अपने तीनों बच्चों को संगीत में प्रवीण करना उसका सपना था।
सोमदत्त के तीन बच्चे थे। चंद्र, नीर, पूरब हैं। तीनों बच्चे संगीत की शिक्षा लेने के लिए गुरुजी के आश्रम में जाते हैं। नीर और पूरब पिता की आज्ञा अनुसार बड़े ही मन से संगीत की शिक्षा लेने लगते हैं। मगर तीनों भाइयों में मस्त मौला स्वभाव वाले चंद्र का मन किसी एक जगह ठहरने वाला नहीं था।
हालांकि गुरुजी उसको हर प्रकार से सुधारने की कोशिश करते थे। मगर वह सुधरने वालों में से नहीं था। संगीत की शिक्षा पूरी होने के बाद तीनों भाई अपने राजमहल की ओर चल दिए।
काफी दिनों बाद लौट रहे अपने बच्चों को लेकर राजा काफी एक्साइटेड थे। राजमहल में पहुंचते ही तीनों भाइयों का भव्य स्वागत होता है। राजा की सबसे बड़ी इच्छा आज पूरी हो रही थी। तीनों के आराम करने के फल स्वरुप राजा ने तीनों को अपने महल में बुलाया और तीनों से अपना सबसे पसंदीदा वाद्य यंत्र ढोल बजाने को कहा
“तीनों ने एक साथ ढोलक कुछ इस तालमेल से बजाएं की जिसकी ध्वनि से सारा कक्ष ही गूंज उठा”
राजा अत्यंत खुश होकर तीनों को अपने पास बुलाते हैं और उन्हें अपने गले लगा लेते हैं।
राजा अत्यंत खुश होकर तीनों को अपने पास बुलाते हैं और उन्हें अपने गले लगा लेते हैं।
——-
अगले दिन राज्य के अन्य ढोलक बजाने में निपुण लोगों को बुलाते हैं और ढोलक वादन की प्रतियोगिता रखते हैं सबको ढोलक बजाने को कहते हैं । वहा उन्हीं के बीच अपने तीनों पुत्रों को भी बैठाते हैं, पूरा दरबार झूम उठता है।
अब बारी-बारी से सब को अकेले-अकेले ढोलक बजाने और अपनी श्रेष्ठता का प्रमाण देने की बारी थी।
सब वादको के बाद अब राजा के तीनों बेटे की बारी थी। पूरब और नीर के वादन से पूरा दरबार मंत्र मुग्ध हो जाता है। राजा सहित पूरा दरबार उनकी प्रशंसा में खड़े होकर तालियां बजाता है।
इसके बाद सबसे आखिर में चंद्र बहुत ही उत्साह से ढोलक बजाने पहुंचता है। मगर काफी प्रयासों के बावजूद ढोलक उससे नहीं बजता दरबार में मौजूद सभी लोग उस पर हंसने लगते हैं। अपनी बेज्जती होता देख चंद्र को बहुत गुस्सा आता है। गुस्से में वह ढोलक पर और ज्यादा बल का प्रयोग करके ध्वनि निकालने की कोशिश करता है।
मगर उसकी आशाओं के विपरीत ढोल ही फूट जाता है और उसके प्रतिभा की पोल खुल जाती है।
इन हिन्दी कहानियों को भी जरूर पढ़े | Best Stories In Hindi
Writer
Team MyNiceLine.com
यदि आप के पास कोई कहानी, शायरी , कविता विचार या कोई जानकारी ऐसी है जो आप यहाँ प्रकाशित करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपने नाम और अपनी फोटो के साथ हमें इस पते पर ईमेल करें:
Contact@MyNiceLine.com
हम आपकी पोस्ट को, आपके नाम और आपकी फोटो (यदि आप चाहे तो) के साथ यहाँ पब्लिश करेंगे ।
“फूटी ढोल खुल गया पोल | Learn Honesty Inspirational Story In Hindi” आपको कैसी लगी कृपया, नीचे कमेंट के माध्यम से हमें बताएं । यदि कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे Share जरूर करें !