कस्बे के बीचों-बीच स्थित बरगद के पेड़ पर एक बहुत ही शरारती और चालाक बंदर रहा करता था । चालाक बंदर की शरारतो से कस्बे के सभी दुकानदार बहुत परेशान थे । उस चालाक बंदर ने वहां सबका जीना मुश्किल कर रखा था ।
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बंदर बड़ी ही चालाकी से कस्बे की दुकानों में रखे फलो, सब्जियों और हर खाने पीने की चीज को चुरा लाता । इतना ही नही वह कस्बे से गुजरने वाले लोगों के झोले छीन लेता और उसमे रखे खाने पीने की वस्तुओं को निकाल कर खा जाता । यदि कोई उसे रोकने की कोशिश करता तो बंदर उसे बहुत मारता ।
एक दिन जब चीकू स्कूल जा रहा था । तभी रास्ते में उसने एक ठेले वाले को देखा जो केले बेच रहा था । चीकू को केले बहुत पसंद है । उसने केले वाले को 5 रूपये देकर दो केले खरीदे । अभी वह केलो को खाने ही वाला था कि तभी ऊपर पेड़ पर बैठा चालाक बंदर तपाक से नीचे कूद गया । उसके ऐसा करने से चीकू घबरा गया ।
अभी वह कुछ सोच पाता कि तभी बंदर ने उसके हाथों में से दोनों केले झपट लिए और दौड़ कर पेड़ पर चढ़ गया । बेचारे चीकू जोर-जोर से रोने लगा । अब तो उसके पास कोई पैसे भी नहीं बचे थे कि वह दुकानदार से दूसरा केला खरीद सके तब रोते हुए चीकू के दोस्त ने उससे कहा
अभी वह कुछ सोच पाता कि तभी बंदर ने उसके हाथों में से दोनों केले झपट लिए और दौड़ कर पेड़ पर चढ़ गया । बेचारे चीकू जोर-जोर से रोने लगा । अब तो उसके पास कोई पैसे भी नहीं बचे थे कि वह दुकानदार से दूसरा केला खरीद सके तब रोते हुए चीकू के दोस्त ने उससे कहा
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"जाने दे यार यह बंदर बहुत बदमाश है इसकी तो यह रोज की आदत है । इसने तो सभी को परेशान करके रख रखा है, तु शान्त हो जा"
तब चीकू ने कहा
"नहीं यार अब तो इसे सबक सिखाना ही होगा"
ऐसा कहकर चीकू अपने घर चला गया । अगले दिन चीकू जब स्कूल जा रहा था तब उसके हाथ में उसका टिफिन बॉक्स था । जब वह पेड़ के नीचे से गुजर रहा था तभी बंदर ने छलांग मारी और बड़ी ही चतुराई से उसका टिफिन उसके हाथ से छीनते हुए पुनः पेड़ पर चढ़ गया । मगर इस बार चीकू बिल्कुल भी नहीं रोया । वह चुपचाप खड़ा उसे पेड़ पर चढता देखता रहा । लोग चीकू का ढाढ़स बढ़ा रहे थे ।
बंदर ने जैसे ही टिफिन बॉक्स खोला वह बहुत खुश हुआ उसने कहा
"आज तो मजा आ गया, इसमे तो मेरा फेवरेट गाजर का हलवा है इसका टेस्ट जरूर यम्मी होगा चलो इसे खाता हूँ"
बस फिर क्या बन्दर उस स्वादिष्ट गाजर के हलवे को जल्दी-जल्दी खाने लगता है । परंतु तभी अचानक बन्दर का चेहरा टमाटर सा लाल हो जाता है । उसके कान से धुआ निकलने लगता है ।
वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा । कभी भागकर वह पेड़ की इस डाल पर जाता, तो कभी उस डाल पर, कभी वह अपने बालों को खुजलाता तो कभी अपना माथा पीटता । जब उससे रहा नहीं गया तब वह नीचे उतरकर पास की दुकानों मे कुछ ढूंढने लगा । हमारी लेटेस्ट (नई) कहानियों को, Email मे प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें. It's Free !
तभी अचानक उसे एक दुकान के सामने पानी से भरी एक बाल्टी नजर आयी । वह तुरंत वहां पहुंचा अभी वह पानी पीने के लिए बाल्टी में मुहँ डालने ही जा रहा था कि तभी चीकू वहां पहुंच गया और डंडा मारकर उसे पानी से दूर खदेड़ दिया।
असल में चीकू के टिफिन बॉक्स में जो हलवा था उसमें ढेर सारी लाल मिर्च मिक्स थी । चीकू ने जानबूझकर ऐसा हलवा अपनी माँ से बनवाया था और टिफिन बॉक्स अपने हाथ में लिए चल रहा था । ताकि शरारती बंदर की नजर उसके टिफिन पर पड़े और वह उसे छीन कर खाएं जिससे उसे अपनी करनी की सजा मिले ।
आखिरकार बंदर की सारी चालाकी धरी की धरी रहे गई । मजबूर होकर वह अपने दोनों कान पकड़कर चीकू से अपने किए की माफी मांगने लगा । तब जाकर कही चीकू ने उसको पानी पीने दिया । इस दिन के बाद से बंदर ने किसी को भी परेशान नहीं किया ।
कहानी से शिक्षा | Moral Of This Best Inspirational Story In Hindi
बच्चों हमे इस कहानी से ये शिक्षा मिलती है कि हमें दूसरों को कभी परेशान नहीं करना चाहिए । हमेशा हमें दूसरों से भी अच्छा व्यवहार करना चाहिए । तभी वे हमारे साथ अच्छा व्यवहार करेंगे !
Story : 2nd
गधे के सिर पर सींग| शेर और गधे की कहानी Donkey And Lion Story In Hindi
एक जंगल में ढेर सारे गधे रहते थे । सभी गधे आपस में काफी मिल जुल कर रहा करते थे और समय-समय पर एक दूसरे की मदद भी करते थे परंतु उन सब गधों के बीच एक घोंचू नाम का गधा रहता था ।
घोंचू काफी आलसी था । जहाँ उसके सभी दोस्त भोजन की तलाश मे सारा दिन इधर-उधर भटकते रहते वहीं वह सारा दिन बस एक जगह ही बैठा रहता । हालांकि उसमे गधो का महाराजा बनने की प्रबल इच्छा थी जिसके लिए वह जंगल के सभी गधों को डराने के नित्य नए उपाय ढूंढता रहता ताकि जंगल के सारे गधे उससे डरकर उसे राजा स्वीकार कर ले और फिर उसे बैठे-बिठाए सब कुछ मिलता रहे और उसे कुछ ना करना पड़े ।
एक बार जब सारे गधे जंगल में घास चरने गए थे । तब आलसी घोंचू चुप-चाप बैठे-बैठे सो रहा था । अचानक उसे शेर की दहाड़ सुनाई दी । शेर की तेज दहाड़ सुनते ही घोंचू तेजी से सरपट भागा । अब नजारा कुछ ऐसा था घोंचू आगे-आगे और शेर पीछे पीछे । शेर ने तो मानो गधे को दावत का आज मन बना लिया हो । बेचारा गधा शेर से इतना डर गया था कि वह नदी नालों जंगल झाड़ियों किसी चीज की परवाह न करते हुए बस भागता रहा ।
इसी भागम भाग में घोंचू जब एक झाड़ी के बीच से निकल रहा था । तभी झाड़ियों में लटकी हुई किसी जानवर की दो लंबी-लंबी सींग अचानक घोंचू के सर पर आ टीकी परंतु शेर से घबरा कर भाग रहे घोंचू को इस बात का पता भी नहीं चला कि उसके सर पर दो सींग निकल आई हैं ।
थका हारा घोंचू शाम को अभी अपने दोस्तों के पास पहुंचा ही था कि तभी वहां बैठे एक गधे की नजर घोंचू पर पड़ी । वह उसके सर पर टिकी सींग को देखकर इधर-उधर भागने लगा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा ।
"वो देखो वो देखो.. गधे के सर पर सींग"
उसकी बातों को सुनकर सभी गधे पीछे पलटकर घोंचू को देखने लगे । उनमें से एक ने कहा
"अरे बाप रे भागो यहां से ये सींग वाला गधा तो आज मैंने पहली बार देखा है"
बस फिर क्या था घोंचू को देखकर सभी गधे डर के मारे इधर-उधर भागने लगे । पहले तो घोंचू को ये समझ ही नहीं आया कि वो उसके दोस्त उससे डर कर भाग क्यों रहे हैं । परंतु म थोड़ी ही देर मे घोंचू को सारी बात समझ आ गई । वह बहुत खुश हुआ आखिर घोंचू यही तो चाहता था । बात समझ आने पर वह जोर-जोर से हंसने लगा और उन सब के पीछे दौड़ पड़ा । उसे अपनी ओर आता देख सभी गधे घबरा गए और घोंचू से हाथ जोड़कर अपनी जान की भीख मांगने लगे ।
तब घोंचू ने कहां
"मैं तुम सब की जान बख्श दूंगा यदि तुम सब मुझे अपना राजा स्वीकार कर लोगे और मेरी सेवा करोगे"
सारे गधे घोंचू की बात मानकर उसकी सेवा में लग गए । घोंचू बैठे-बिठाए राजा बन गया । उसे ढेर सारा अच्छा स्वादिष्ट भोजन खाने को दिया गया । घोंचू ने जब सारा खाना खा लिया तब उसे बहुत जोरो की नींद आने लगी लिहाजा घोंचू चुपचाप वहीं जमीन पर लेट गया और सो गया ।
सोते हुए जैसे ही घोंचू ने अपना सर जमीन पर रखा उसके सर पर टिकी सींग अचानक नीचे गिर गई हालांकि सभी गधे तब तक सो चुके थे ।
मगर सुबह जब बाकी गधों के साथ ही घोंचू उठा तब उसके सर पर सींग नहीं थी क्योंकि सींग तो जमीन पर गिर चुकी थी मगर यह बात घोंचू को नहीं पता थी । उसने फिर सबको डराने की कोशिश की मगर तब सारे गधे उसपर जोर-जोर से हंसने लगे । उन्होंने घोंचू से कहा
"अबे घोंचू जरा नीचे देख ले तेरी सींगे तो नीचे गिरी पड़ी हैं तुझसे तो अब कोई चूहा भी नहीं डरेगा"
घोंचू ने घबराकर नीचे देखा तो उसकी सींगे वाकई नीचे गिरी पड़ी थी बस फिर क्या था सारे गधे उसे जोर-जोर से पीटने लगे । घोंचू ने सबसे अपने किए की माफी मांगी ।
कहानी से शिक्षा | Moral Of This Best Inspirational Story In Hindi
बच्चों हमें हमेशा सच बोलना चाहिए क्योंकि झूठ के दिन ज्यादा नहीं होते और जब सच सबके सामने आता है तब हमारे पास शर्मिंदा होने के सिवा और कोई रास्ता नहीं होता !
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